Wada Na Tod Tarj Bhajan | रोके मुरली बिचारी कहती है लिरिक्स & Notation
यह Wada Na Tod Tarj Bhajan | रोके मुरली बिचारी कहती है लिरिक्स दिया गया है | इस भजन में भगवान् श्री कृष्ण की बंशी अर्थात बांसुरी के बारे में बताया गया है की वह कैसी थी और कौन थी |
- Wada Na Tod Tarj Bhajan | रोके मुरली बिचारी कहती है लिरिक्स का पूरा लिरिक्स और इसका हिंदी नोटेशन यहाँ दिया गया है |
Wada Na Tod Tarj Bhajan | रोके मुरली बिचारी कहती है लिरिक्स

यहाँ Wada Na Tod Tarj Bhajan, रोके मुरली बिचारी कहती है लिरिक्स दिया गया है |
Wada Na Tod Tarj Bhajan Notation

यह Wada Na Tod Tarj Bhajan, रोके मुरली बिचारी कहती है में लगने वाले स्वर –
Wada Na Tod Tarj Bhajan, रोके मुरली बिचारी कहती है में मंद्र सप्तक का कोमल ध और कोमल नि तथा मध्य सप्तक का सा, रे, कोमल ग, म, प, कोमल ध और कोमल नि का प्रयोग किया गया है | इस भजन में ग, ध और नि कोमल का ही प्रयोग किया गया है इसलिए कोमल स्वर को दर्शाने के लिए किसी भी चिन्ह का प्रयोग नहीं किया गया है |
- इस भजन में ग, ध और नि कोमल होने के कारण यह भजन थाट असवारी पर आधारित है |
रोके मुरली बिचारी कहती ( हैsss ssss sssss )
पप पपध पमग ग ग ( मधपम गपमग रेमगरेसा )
मुझे ना ( मरोss ssss ड़ ) राधा ना तोड़
सासा .नि ( साग– रेसा.नि .ध ) .ध.नि रे सा
पिछले जनम में ( थीss मैंs ) शुद्र ( जाss तिsss )
पपप धनि नि ( धपम मप ) मग ( रेगम गरेसा.नि )
हरी हेतु हमने | किया देखो तप भारी
.नि.नि .नि रेरेरे | मम गग रेसा सासा
आके दरश ( दीन्हीs मोहे ) चक्र ( धाss रीsss )
पपप धनिनि ( धपम मप ) मग ( रेगम गरेसा.नि )
बोले प्रभु क्या है | इच्छा तुम्हारी
.नि.नि .नि रेरे रे | मग रेसासा
तप में तप के | तपन तू सहती ( हैsss ssss sssss )
पप प पप ध | पमम ग गग ( मधपम गपमग रेमगरेसा )
बता मुख ना ( मोss ssss ड़ ) , राधा ना तोड़
सासा .नि सा ( ग – – रेसा.नि .ध ) .ध.नि रे सा
रोके मुरली बिचारी कहती ( हैsss ssss sssss )
पप पपध पमग ग ग ( मधपम गपमग रेमगरेसा )
मुझे ना ( मरोss ssss ड़ ) राधा ना तोड़
सासा .नि ( साग– रेसा.नि .ध ) .ध.नि रे सा
इच्छा बताई तब बो लेs हित ( काsss रीss )
पपप धनिनि धप म मप मग ( रेगमग रेसा.नि )
द्वापर में इच्छा | पूरी करूँगा तुम्हारी
.नि.नि .नि रेरे | रेम मगरे सासासा
तप में तपने लगी अब लाss ( बिचाss रीss )
पप प धनिनि धप मम पमग ( रेगमग रेसा.नि )
तन से अरण्य | बांस निकला है भारी
.नि .नि .निरेरे | रेम मगरे सा सासा
जहाँ जमुना की धारा बहती ( हैsss ssss sssss )
पप पपध प मग गग ( मधपम गपमग रेमगरेसा )
छत्तीस थे ( पौsss sss ढ़ ) राधा ना तोड़
सासा .नि ( साग– रेसा.नि .ध ) .ध.नि रे सा
रोके मुरली बिचारी कहती ( हैsss ssss sssss )
पप पपध पमग ग ग ( मधपम गपमग रेमगरेसा )
मुझे ना ( मरोss ssss ड़ ) राधा ना तोड़
सासा .नि ( साग– रेसा.नि .ध ) .ध.नि रे सा
विश्वकर्मा जी ने आकेs बांs स को ( कsss टाsया )
पपपध नि नि धपम मप म ग ( रेगम गरेसा.नि )
अजगव साs रंग | गांडीव बनाया
.नि.नि.नि रेरे मम | गगरे सासासा
एक पौढ़ उसका श्याsम जी के मन ( भाsss याss )
पप पध निनि धपम मप म ग ( रेगम गरेसा.नि )
बना बांसुरी उसको अधर से लगाया
.नि.नि .निरेरे मम गग रे सासासा
सागर संगीत धाराs बहती ( हैsss ssss sssss )
पप पपध पमग गग ( मधपम गपमग रेमगरेसा )
नहीं जिसका जोss sss ड़ ) मुझे ना मरोड़
सासा .निसा ( ग– रेसा.नि .ध ) .ध.नि रे सा
रोके मुरली बिचारी कहती ( हैsss ssss sssss )
पप पपध पमग ग ग ( मधपम गपमग रेमगरेसा )
मुझे ना ( मरोss ssss ड़ ) राधा ना तोड़
सासा .नि ( साग– रेसा.नि .ध ) .ध.नि रे सा