Top 10 Vinod Agarwal Bhajan Lyrics | विनोद अग्रवाल भजन लिरिक्स
अपने लाला की सुन लो शिकायत | Vinod Agarwal Bhajan Lyrics
यहाँ – अपने लाला की सुन लो शिकायत लिरिक्स, Apne Lala Ki Sun Lo Lyrics दिये गये है –
भजन- अपने लाला की सुन लो शिकायत लिरिक्स
गायक – विनोद अग्रवाल
भजन तर्ज – ये तो प्रेम की बात है
अपने लाला की सुन लो शिकायत,
जो बताने के काबिल नहीं है,
वो जो देता है दर्द ये दिल को,
वो दिखाने के काबिल नहीं है |
अपने लाला की सुन लों शिकायत,
जो बताने के काबिल नहीं है ||
मैया पहली शिकायत हमारी,
पनघट पे मिले थे मुरारी,
या ने तोड़ी गगरिया हमारी,
जल भरने के काबिल नहीं है |
अपने लाला की सुन लों शिकायत,
जो बताने के काबिल नहीं है ||
मैया दूसरी शिकायत हमारी,
गलियों में मिले थे मुरारी,
वा ने फाड़ी चुनरिया हमारी,
ओढ़ने के जो काबिल नहीं है |
अपने लाला की सुन लों शिकायत,
जो बताने के काबिल नहीं है ||
मैया तीसरी शिकायत हमारी,
महलों में मिले थे मुरारी,
या ने तोड़ी नथनिया हमारी,
मुंह दिखाने के काबिल नहीं है |
अपने लाला की सुन लों शिकायत,
जो बताने के काबिल नहीं है ||
मेरे लाला को प्यार सु बुलाती,
माखन मिश्री का भोग लगाती,
ये तो प्राणो से प्यारा कन्हैया,
ये शिकायत के काबिल नहीं है |
अपने लाला की सुन लों शिकायत,
जो बताने के काबिल नहीं है ||
अपने लाला की सुन लो शिकायत,
जो बताने के काबिल नहीं है,
वो जो देता है दर्द ये दिल को,
वो दिखाने के काबिल नहीं है |
अपने लाला की सुन लों शिकायत,
जो बताने के काबिल नहीं है ||
छबीलो मेरो कान्हा ब्याहन जाए | Vinod Agarwal Bhajan Lyrics
Top 10 Vinod Agarwal Bhajan Lyrics, विनोद अग्रवाल भजन लिरिक्स
यहाँ – छबीलो मेरो कान्हा ब्याहन जाए लिरिक्स, Chhabilo Mero Kanha Lyrics दिये गये है –
भजन- छबीलो मेरो कान्हा ब्याहन जाए लिरिक्स
गायक – विनोद अग्रवाल
छबीलो मेरो कान्हा ब्याहन जाए,
ब्याहन जाए वो तो ब्याहन जाए |
रंगीलो मेरो कान्हा ब्याहन जाए,
छबीलो मेरो कान्हा ब्याहन जाए ||
मेरे कान्हा के सर मुकुट बिराजे,
चितवन चित्त चुराए,
छबीलो मेरो ब्याहन जाए ||
मेरे कान्हा के गल मोतियन माला,
वो तो चूमत चरणन जाए,
छबीलो मेरो ब्याहन जाए ||
मेरो कान्हा मानो कमल मधुमय,
मधुकर रहे मंडराए,
छबीलो मेरो ब्याहन जाए ||
मेरे कान्हा के होंठ पान की लाली,
बोलत फूल झराए,
छबीलो मेरो ब्याहन जाए ||
मेरो कान्हा छवि रूप पिटारी,
वो तो कोटिन काम लजाये,
छबीलो मेरो ब्याहन जाए ||
मेरे कान्हा के मन लगी चटपटी,
वो तो राधा जू को मन ललचाये,
छबीलो मेरो ब्याहन जाए ||
छबीलो मेरो कान्हा ब्याहन जाए,
ब्याहन जाए वो तो ब्याहन जाए |
रंगीलो मेरो कान्हा ब्याहन जाए,
छबीलो मेरो कान्हा ब्याहन जाए ||
घनश्याम तुम्हारे मंदिर में मैं तुम्हे रिझाने आई हूँ
Top 10 Vinod Agarwal Bhajan Lyrics, विनोद अग्रवाल भजन लिरिक्स
यहाँ – घनश्याम तुम्हारे मंदिर में लिरिक्स, Ghanshyam Tumhare Mandir Me Lyrics दिये गये है –
भजन- घनश्याम तुम्हारे मंदिर में मैं तुम्हे रिझाने आई हूँ लिरिक्स
गायक – विनोद अग्रवाल
घनश्याम तुम्हारे मंदिर में,
मैं तुम्हे रिझाने आई हूँ,
वाणी में तनिक मिठास नहीं,
पर विनय सुनाने आई हूँ ||
मैं देखूं अपने कर्मो को,
फिर दया को तेरी करूणा को,
ठुकराई हुई मैं दुनिया से |
तेरा दर खटकाने आई हूँ,
घनश्याम तुम्हारें मंदिर में,
मैं तुम्हे रिझाने आई हूँ ||
प्रभु का चरणामृत लेने को,
है पास मेरे कोई पात्र नहीं,
आँखों के दोनों प्यालों में,
मैं भीख मांगने आई हूँ |
घनश्याम तुम्हारें मंदिर में,
मैं तुम्हे रिझाने आई हूँ ||
तेरी आस है श्याम निवाणीअणु,
तेरी शान है बिगड़ी बना देना,
तुम स्वामी हो मैं दासी हूँ,
संबंध बढ़ाने आई हूँ |
घनश्याम तुम्हारें मंदिर में,
मैं तुम्हे रिझाने आई हूँ ||
समझी थी मैं जिन्हें अपना,
सब हो गए आज बेगाने है,
सारी दुनिया को तज के प्रभु,
तुझे अपना बनाने आई हूँ |
घनश्याम तुम्हारें मंदिर में,
मैं तुम्हे रिझाने आई हूँ ||
घनश्याम तुम्हारे मंदिर में,
मैं तुम्हे रिझाने आई हूँ,
वाणी में तनिक मिठास नहीं,
पर विनय सुनाने आई हूँ ||
ओ मेरे गोपाल कन्हैया लिरिक्स | Vinod Agarwal Bhajan Lyrics
यहाँ – ओ मेरे गोपाल कन्हैया लिरिक्स, O Mere Gopal Kanhaiya Lyrics दिये गये है –
भजन- ओ मेरे गोपाल कन्हैया लिरिक्स
गायक – विनोद अग्रवाल
ओ मेरे गोपाल कन्हैया,
मोहन मुरली वाले,
मोहन मुरली वाले,
गोपाल मुरलिया वाले |
ओ मेरे गोपाल कन्हैंया,
मोहन मुरली वाले ||
कहो कैसे तुझे रिझाऊं रसिया,
गुणवान नहीं धनवान नहीं,
कोई बड़ा जगत में मान नहीं,
फिर कैसे तुम्हे अपनाऊं रसिया |
कहो कैसे तुझे रिझाऊं रसिया ||
कोई जप तप संयम नियम नहीं,
मेरा गोपियों जैसा प्रेम नहीं,
फिर कैसे तुम्हे रिझाऊं रसिया |
कहो कैसे तुझे रिझाऊं रसिया ||
कोई गुण का बड़ा भंडार नहीं,
मेरा मीरा जैसा प्यार नहीं,
फिर कैसे तुम्हे मनाऊं रसिया |
कहो कैसे तुझे रिझाऊं रसिया ||
मेरे भीलनी जैसे बेर नहीं,
तेरे आने में तो देर नहीं,
फिर कैसे भोग लगाऊं रसिया |
कहो कैसे तुझे रिझाऊं रसिया ||
ओ मेरे गोपाल कन्हैया,
मोहन मुरली वाले,
मोहन मुरली वाले,
गोपाल मुरलिया वाले |
ओ मेरे गोपाल कन्हैंया,
मोहन मुरली वाले ||
मैं तुम्हे कभी तो पाऊँगी लिरिक्स | Vinod Agarwal Bhajan Lyrics
यहाँ – मैं तुम्हे कभी तो पाऊँगी लिरिक्स, Main Tumhein Kabhi to Lyrics दिये गये है –
भजन- मैं तुम्हे कभी तो पाऊँगी लिरिक्स
गायक – विनोद अग्रवाल
मैं तुम्हे कभी तो पाऊँगी,
मेरे जन्मों के साथी सजन,
मै तुम्हे कभी तो पाऊँगी ||
पग नूपुर की झंकारो से,
भावो भरे मधुर इशारों से,
साँसों के पंखो से उड़कर,
तारों तक खोज लगाउंगी,
मै तुम्हे कभी तो पाऊँगी ||
योगन का भेष बनाकर के,
इस जग से आँख बचाकर के,
मन के इकतारे पे साजन,
मैं गीत विरह के गाऊँगी,
मै तुम्हे कभी तो पाऊँगी ||
तुम छुपना राधा के मन में,
मधुवन की रंगीली कुंजन में,
मैं बन कर ललिता की वीणा,
थिर्को पर तुम्हे नचाउंगी,
मै तुम्हे कभी तो पाऊँगी ||
मैं तुम्हे कभी तो पाऊँगी,
मेरे जन्मों के साथी सजन,
मै तुम्हे कभी तो पाऊँगी ||
मेरे सतगूरू तेरी नौकरी लिरिक्स | Vinod Agarwal Bhajan Lyrics
मेरे सतगूरू तेरी नौकरी,
सबसे बढ़िया है सबसे खरी ||
तेरे दरबार की हाजरी,
सबसे बढ़िया है सबसे खरी ||
खुश नसीबी का जब गुल खिला,
तब कही जाके ये दर मिला ||
हो गई अब तो रहमत तेरी,
सबसे बढ़िया है सबसे खरी ||
मै नही था किसी काम का,
ले सहारा तेरे नाम का ||
बन गई अब तो बिगड़ी मेरी,
सबसे बढ़िया है सबसे खरी ||
जबसे तेरा गुलाम हो गया,
तबसे मेरा भी नाम हो गया ||
वरना औकात क्या थी मेरी,
सबसे बढ़िया है सबसे खरी ||
मेरी तनख्वाह भी कूछ कम नही,
कूछ मिले ना मिले ग़म नही ||
होगी ऐसी कहाँ दुसरी,
सबसे बढ़िया है सबसे खरी ||
इक वीयोगी दीवाना हूँ मै,
खाक चरणों की चाहता हूँ मै ||
आखरी ईल्तेजा है मेरी,
सबसे बढ़िया है सबसे खरी ||
मेरे सतगूरू तेरी नौकरी,
सबसे बढ़िया है सबसे खरी ||
तेरे दरबार की हाजरी,
सबसे बढ़िया है सबसे खरी ||
तेरे दर की भीख से है लिरिक्स | Vinod Agarwal Bhajan Lyrics
यहाँ – तेरे दर की भीख से है लिरिक्स, Tere Dar Ki Bheekh Se Hai Lyrics दिये गये है –
भजन- तेरे दर की भीख से है लिरिक्स
गायक – विनोद अग्रवाल
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा,
जीवन का है आधारा,
जीने का है सहारा ||
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा ||
हे करुणा करने वाले,
मेरी लाज रखने वाले,
तेरे ही दर से मिलता,
हर दीन को सहारा ||
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा ||
तेरी आस्ता के सदके,
तेरी हर गली पे कुरबां,
तेरा दर है दर हकीक़त,
मेरी जीस्त का सहारा ||
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा ||
तेरे प्यार की हदो को,
बस तू ही जानता है,
तुम आ गए वहीँ पे,
मैंने जहाँ पुकारा ||
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा ||
क्यों ढूंढते फिरे हम,
तूफानों में सहारा,
तेरे हाथ में ही लहरे,
तेरे हाथ में किनारा ||
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा ||
मुझे बेकरार रख कर,
मेरे दिल में बसने वाले,
जो यही है तेरी मर्ज़ी,
तेरा विरह भी है प्यारा,
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा ||
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा,
जीवन का है आधारा,
जीने का है सहारा ||
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा ||
घनश्याम तुम ना आये जीवन ये बीता जाये लिरिक्स
यहाँ – घनश्याम तुम ना आये जीवन ये बीता जाये लिरिक्स, Ghanshyam Tum Na Aaye Lyrics दिये गये है –
भजन- घनश्याम तुम ना आये जीवन ये बीता जाये लिरिक्स
गायक – विनोद अग्रवाल
घनश्याम तुम ना आये,
जीवन ये बीता जाये ||
तेरा वियोग प्यारे,
अब तो सहा ना जाये,
एक बार आ भी जाओ,
बैठे हो क्यो छिपाये,
घनश्याम तुम ना आए,
जीवन ये बीता जाये ||
मैं ढूढ़ती थी दर दर,
पर तुम नजर ना आये,
मुझे क्या पता था मेरे,
इस दिल में हो समाये
घनश्याम तुम ना आए,
जीवन ये बीता जाये ||
जीवन की संध्या बेला,
अब आ चुकी हैं प्रीतम,
उस वक़्त आ भी जाना,
जब प्राण तन से जाये,
घनश्याम तुम ना आए,
जीवन ये बीता जाये ||
घनश्याम तुम ना आये,
जीवन ये बीता जाये ||
ना जी भर के देखा ना कुछ बात की | Vinod Agarwal Bhajan Lyrics
यहाँ ना जी भर के देखा ना कुछ बात की लिरिक्स, Na Ji Bhar Ke dekha Lyrics दिया गया है-
भजन गायक- विनोद अग्रवाल जी
भजन- ना जी भर के देखा ना कुछ बात की
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की,
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की |
करो दृष्टि अब तो, प्रभु करुणा की,
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ||
गए जब से मथुरा वो, मोहन मुरारी,
सभी गोपियाँ बृज में, व्याकुल थी भारी |
कहा दिन बिताया, कहाँ रात की,
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ||
चले आओ अब तो, ओ प्यारे कन्हैया,
यह सूनी है कुंजन, और व्याकुल है गईया |
सूना दो इन्हें अब तो, धुन मुरली की,
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ||
हम बैठे हैं गम उनका, दिल में ही पाले,
भला ऐसे में खुद को, कैसे संभाले |
ना उनकी सुनी, ना कुछ अपनी कही,
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ||
तेरा मुस्कुराना, भला कैसे भूलें,
वो कदमन की छैया, वो सावन के झूले |
ना कोयल की कू-कू, ना पपीहा की पी,
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ||
तमन्ना यही थी की, आएंगे मोहन,
मैं चरणों में वारुंगी, तन मन यह जीवन |
हाय मेरा कैसा ये, बिगड़ा नसीब,
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ||
छुपे बैठे हो कण कण मे लिरिक्स | Vinod Agarwal Bhajan Lyrics
यहाँ छुपे बैठे हो कण कण मे लिरिक्स, Chhupe Baithe Ho Kan Kan Me Lyrics दिया गया है-
भजन तर्ज- जगत के रंग क्या देखूं
गायक- विनोद अग्रवाल
छुपे बैठे हो कण कण मे,
भला मैं कैसे पहचानू |
छुपे बैठे हो कण कण मे,
भला मैं कैसे पहचानू |
दुई का दूर कर पर्दा,
सामने आओ तो जानू ||
छुपे माया के पर्दे मे,
क्या मुझसे शर्म आती है |
ये घुंघट दर्मिया पर्दा,
हटा दोगे तो मैं जानू ||
दुई का दूर कर पर्दा,
सामने आओ तो जानू।।
सुना है चाहने वालों से,
हसीनों से हसीं हो तुम |
तो चेहरे से जरा चिल्मन,
हटा दोगे तो मैं जानू ||
दुई का दूर कर पर्दा,
सामने आओ तो जानू।।
ये सुरज चांद से ज्यादा,
अजब जो नूर हे तेरा |
मेरे दिल में वही ज्योति,
जगा दो तो मैं जानू ||
दुई का दूर कर पर्दा,
सामने आओ तो जानू।।
अंधेरी रात कत्ति दूर,
नैय्या भी भंवर मे है |
मेरी नैया किनारे से,
लगा दोगे तो मैं जानू ||
दुई का दूर कर पर्दा,
सामने आओ तो जानू।।
छुपे बैठे हो कण कण मे,
भला मैं कैसे पहचानू |
छुपे बैठे हो कण कण मे,
भला मैं कैसे पहचानू |
दुई का दूर कर पर्दा,
सामने आओ तो जानू ||
आशा करता हूँ की यह Top 10 Vinod Agarwal Bhajan Lyrics, विनोद अग्रवाल भजन लिरिक्स जरुर पसंद आया होगा |