नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघण्टा की आरती – Maa Chandraghanta Ki Aarti

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Maa Chandraghanta Aarti In Hindi | नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघण्टा की आरती | Navratri 3rd Day

यहाँ – मां चंद्रघण्टा की आरती लिरिक्स, Maa Chandraghanta Ki Aarti Lyrics दिया गया है-

भजन -​​ मां चंद्रघण्टा की आरती लिरिक्स

मां चंद्रघण्टा का मंत्र:

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता ||
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता||

या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता ||
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः||

दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू ||
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ||

मां चंद्रघण्टा की आरती:

जय चंद्रघंटा माता ||
जय चंद्रघंटा माता ||

अपने सेवक जन की ,
अपने सेवक जन की ||
शुभ फल की दाता ,
जय चंद्रघंटा माता ||

नवरात्री के तीसरे दिन ,
चंद्रघंटा माँ का ध्यान ||
मस्तक पर है अर्ध चंद्र ,
मंद मंद मुस्कान ||

जय चंद्रघंटा माता ||

अस्त्र शस्त्र है हाथो में ,
और खडग संग बाण ||
घंटे की शक्ति से ,
हरती दुष्टो के प्राण||

जय चंद्रघंटा माता ||

सिंह वाहिनी दुर्गा ,
चमके स्वर्ण शरीर ||
करती विपदा शांति ,
हरे भक्त की पीर ||

जय चंद्रघंटा माता ||

मधुर वाणी को बोलकर ,
सबको देती ज्ञान ||
जितने देवी देवता ,
सभी करे सम्मान ||

जय चंद्रघंटा माता ||

अपने शांत स्वभाव से ,
सबका रखती ध्यान ||
भव सागर में फसा हूँ ,
करो माता कल्याण ||

जय चंद्रघंटा माता ||

अपने सेवक जन की ,
अपने सेवक जन की ||
शुभ फल की दाता ,
जय चंद्रघंटा माता ||

अपने सेवक जन की ,
अपने सेवक जन की ||
शुभ फल की दाता ,
जय चंद्रघंटा माता ||

जय चंद्रघंटा माता ||

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