Darashan Do Ghanshyam Lyrics, दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी लिरिक्स

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​​दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी लिरिक्स | Darashan Do Ghanshyam Lyrics In Hindi

Darashan Do Ghanshyam Lyrics, दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी लिरिक्स
Darashan Do Ghanshyam Lyrics, दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी लिरिक्स

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भजन -​​ दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी लिरिक्स

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी लिरिक्स, Darashan Do Ghanshyam Nath Mori Lyrics in Hindi

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे,
मन मंदिर की जोत जगा दो, घाट घाट वासी रे,
दर्शन दो घनश्याम ||

मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न दीखे सूरत तेरी,
युग बीते ना आई मिलन की पूरनमासी रे,
दर्शन दो घनश्याम ||

द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूँगा बोले,
अंधा देखे लंगड़ा चल कर पँहुचे काशी रे,
दर्शन दो घनश्याम ||

पानी पी कर प्यास बुझाऊँ, नैनन को कैसे समजाऊँ,
आँख मिचौली छोड़ो अब तो मन के वासी रे,
दर्शन दो घनश्याम ||

निबर्ल के बल धन निधर्न के, तुम रखवाले भक्त जनों के,
तेरे भजन में सब सुख़ पाऊँ, मिटे उदासी रे,

नाम जपे पर तुझे ना जाने, उनको भी तू अपना माने,
तेरी दया का अंत नहीं है, हे दुःख नाशी रे,
दर्शन दो घनश्याम ||

आज फैसला तेरे द्वार पर, मेरी जीत है तेरी हार पर,
हर जीत है तेरी मैं तो, चरण उपासी रे,
दर्शन दो घनश्याम ||

द्वार खडा कब से मतवाला, मांगे तुम से हार तुम्हारी,
नरसी की ये बिनती सुनलो, भक्त विलासी रे,
दर्शन दो घनश्याम ||

लाज ना लुट जाए प्रभु तेरी, नाथ करो ना दया में देरी,
तिन लोक छोड़ कर आओ, गंगा निवासी रे,


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